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बजट 2019: साल 1947 से लेकर अब तक, जानें बजट से जुड़े ये 10 रोचक तथ्य

साल 1947 से लेकर अभी तक पेश हुए बजट के दौरान कई ऐसे महत्वपूर्ण और रोचक तथ्य सामने आए हैं जिन्हें जानना हम सब के लिए बहुत जरूरी है.

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नई दिल्लीः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ ही संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो गई है. सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति ने दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित किया. आज से शुरू हुआ यह सत्र 13 फरवरी तक चलेगा. कल यानी एक फरवरी को सरकार अंतरिम बजट (वोट ऑन अकाउंट) पेश करेगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीमार होने के कारण वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे मंत्री पीयूष गोयल बजट पेश करेंगे.

साल 1947 से लेकर अभी तक पेश हुए बजट में कई ऐसे महत्वपूर्ण और रोचक तथ्य भी देखने को मिले हैं. देश का सबसे पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आर के षणमुखम ने पेश किया था. इसके अलावा कई ऐसे दिलचस्प घटनाएं है जिन्हें जानना जरूरी है.

1. पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आर के षणमुखम चेट्टी ने पेश किया था. यह बजट 15 अगस्त, 1947 से 31 मार्च, 1948 तक के लिए किए गए थे.

2. सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम है. उन्होंने 10 बार बजट पेश किया. कांग्रेस के कार्यकाल में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने 9 बार, और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री रहते हुए 8 बार बजट पेश किया.

3. मोरारजी देसाई के नाम एक और रिकॉर्ड कायम है. वह पहले वित्त मंत्री रहे हैं जिन्होंने अपने जन्मदिन के दिन बजट पेश किया है. यह बजट साल 1964 में 29 फरवरी को पेश किया गया था.

4. इंदिरा गांधी भारत की एक मात्र महिला वित्त मंत्री रही हैं. जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं तब मोरारजी देसाई वित्त मंत्री का कार्यभार संभाल रहे थे. अचानक से मोरारजी ने वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार भी अपने जिम्मे रखा था.

5. बजट दस्तावेजों की छपाई करने वाले कर्मचारियों को आम बजट पेश होने से करीब 10 दिन पहले ही गोपनीय तरीके से रखा जाता है. इन दिनों उन्हें किसी भी बाहरी व्यक्ति से बात करने या मिलने की भी अनुमति नहीं होती है. दस्तावेजों की छपाई 'हलवा सेरेमनी' से शुरू होती है. वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की मौजूदगी में इस हलवे को बांटा जाता है और इस हलवा सेरेमनी में वित्त मंत्री भी शामिल होते हैं. हालांकि इस बार वित्त मंत्री अरुण जेटली बीमार होने की वजह  से इस रस्म में शामिल नहीं हुए.

6. पारंपरिक महत्व को ध्यान में रखते हुए कहा जाता है कि किसी भी शुभ काम की शुरुआत मीठे के साथ की जाती है. यही कारण है कि बजट दस्तावेजों की छपाई से पहले 'हलवा रस्म' होती है. यह हलवा मंत्रालय के सभी कर्मचारियों को परोसा जाता है.

7. प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए भी राजीव गांधी ने बजट पेश किया था. जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब वीपी सिंह वित्त मंत्री थे लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद पद खाली हो गया. इस कारण राजीव गांधी ने साल 1987-88 में बजट पेश किया था.

8. 1997-98 में, बजट को बिना किसी बहस के संवैधानिक संकट के कारण पारित कर दिया गया. तब इंद्र कुमार गुजराल प्रधानमंत्री थे. गुजराल सरकार ने बजट को पारित करने के लिए संसद का एक विशेष सत्र बुलाया गया था.

9. केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने साल 1997-98 में जो बजट पेश किया उसे ड्रीम बजट कहते हैं. इस बजट में कई आर्थिक सुधार देखने को मिले. इनकम टैक्स की रेट में कटौती, कॉरपोरेट टैक्स में कटौती समेत कई सुधार देखने को मिला.

10. साल 1999 से पहले बजट शाम पांच बजे के बाद पेश होता था लेकिन साल 1999 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने समय में बदलाव कर सुबह 11 बजे पेश किया.

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Published at : 31 Jan 2019 01:12 PM (IST) Tags: Union Budget 2019
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